आदिवासियों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी


 हरदा -जिले के सिराली मकड़ाई रेंज में लोक वानिकी योजना दलालों की भेंट चढ़ गई है। जहां एक ओर शासन के नियमों को ताक पर रखकर सागौन के बेशकीमती पौधों को बेरहमी से कटवाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर गरीब आदिवासियों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की जा रही है। वन विभाग के कर्मचारी गुपचुप तरीके से दूसरे के नाम से एग्रीमेंट करा कर बेशकीमती सागौन को काटा जा रहा है जो करोड़ों की कीमत है।
    अभी गत वर्ष हुई सागौन की कटाई का मामला सुलझा नहीं कि दूसरी कटाई कर आदिवासियों के हक एवं हित पर कुठाराधर किया जा रहा है। दलालों से सेटिंग कर वन कर्मियों द्वारा सुनियोजित षड्यंत्र के तहत यह कार्य करवाया जा रहा है।
 लोक वानिकी योजना आदिवासियों के जीवन को समृद्धशाली एवं खुशहाल बनाने के लिए शुरू की गई थी किंतु योजना के मूल स्वरूप को विकृत करते हुए खुलेआम आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है योजना का लाभ मिलने के बाद भी आदिवासियों की दिशा एवं दशा दोनों नहीं बदली है ।
गत वर्ष हुए भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत की गई किंतु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। भ्रष्टाचार की फाइल को बिना कार्यवाही के दफन कर दिया गया है।
सारे मामले को गंभीरता से लेकर गहन जांच करवा कर कठोर कार्रवाई करने के लिए एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन हरदा के अध्यक्ष डी एस चौहान ने मुख्य वन संरक्षण को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की है। दलाल और वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत से लोग बानिकी योजना के तहत व्यापक भ्रष्टाचार कर आदिवासियों से खुलेआम धोखाधड़ी की जा रही है। जानकारी के बाद भी समस्त अधिकारी मूकदर्शक बने हैं जिससे उनकी भूमिका स्वयंमेव संदिग्ध हो रही है। बाहर की टीम से जांच करवाई जाए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।

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