पटवारी की चिता के सामने जिले भर के पटवारीयों ने किया आंदोलन का निर्णय..
हरदा जिले के पटवारीयों ने किया अतिरिक्त हल्कों के काम का बहिष्कार .
हरदा - मानसिक प्रताडऩा और संशाधनों के अभाव में काम कर रहे जिलेभर के पटवारीयों ने मृतक पटवारी साथी नर्मदाप्रसाद घुरे की चिता के सामने ही बैठक कर सर्वसम्मति से अतिरिक्त हल्को के काम का बहिष्कार का निर्णय किया।
पटवारी संघ द्वारा कल टिमरनी में स्वर्गीय पटवारी नर्मदाप्रसाद घुरे की अंतेष्टि के बाद शाम 7.00 बजे सभी उपस्थित पटवारी ने सर्वसम्मति ने मुक्ति धाम मे ही बैठक कर पटवारीयों की मानसिक प्रताडऩा और संशाधनों के बिना शत प्रतिशत काम करने के दबाव को पटवारी की दुर्घटना का कारण माना हैं। पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष रामभरोस राजपूत ने कहा कि प्रशासन द्वारा संशाधन दिए बिना काम का दबाव बनाये जाने, सोशल मिडिया पर सूचना देकर तत्काल जानकारी मांगने के साथ ही अघोषित रूप से विभिन्न माध्यमों से मानसिक रूप से प्रताडित किया जा रहा है। इसी का परिणाम हैं कि हल्के से काम करके लौट रहे पटवारी नर्मदा प्रसाद सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
पटवारी संघ के प्रदेश संयोजक राजीव जैन ने कहा पटवारी साथी श्री घुरे की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर जिले के पटवारीयों ने एक लाख रूपये एकत्रित कर उनके परिवार को ऊपचार हेतु इंदौर अस्पताल में पहुंच कर दिए थे। प्रशासन द्वारा इसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया अंततः हमारा साथी असमय कालकलवित हो गया। पटवारियों में इस बात को लेकर रोष हैं। आज जिलेभर के पटवारीयों ने तीनों अनुविभाग में अपने अपने एसडीएम को ज्ञापन देकर 30 तारीख से अतिरिक्त हल्कों का सम्पूर्ण अभिलेख जमा कर काम का बहिष्कार कर दिया हैं। पटवारी संघ ने अपने ज्ञापन में मानवाधिकार की बात रखते हुए अतिरिक्त हल्के का काम नहीं करने का कहा हैं। पटवारी अब केवल अपनी पदस्थापना के मूल हल्के का काम करेंगे। अतिरिक्त हल्कों का कोई काम नहीं करेंगे।
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