भतीजे की धमकी आई काम, नींद से जागे चाचा विधायक रोलगांव पुल और बायपास मार्ग निर्माण तेजी
मुकेश दुबे टिमरनी विधानसभा क्षेत्र में सोयी हुई राजनीति का सबसे बड़ा प्रमाण तब सामने आया जब बीते तीन-चार वर्षों से ध्वस्त माचक नदी के पुल की किसी को सुध नहीं आई। क्षेत्र के विधायक कुं. संजय शाह सहित विपक्ष दल कांग्रेस के नेताओं ने भी जनहित के इस मसले पर ध्यान नहीं दिया। मगर एक पखवाड़े पूर्व शाह घराने के कुं. अभिजीत शाह ने धरने पर बैठने की धमकी दी तो विधायक की तंद्रा टूट गई। हरदा। लगभग तीन साल पहले हरदा जिले में हुई अतिवर्षा के दौरान माचक नदी के उफान पर आ जाने पर भिरंगी के पास रेल्वे की पुलिया और रोलगांव के समीप सिराली-हरदा मार्ग पर बने माचक नदी का पुल ध्वस्त हो गया था। इस घटना के बाद रेलवे ने तो तुरत-फुरत कार्यवाही कर अपनी पुलिया का निर्माण कराकर रेल यातायात प्रारंभ कर दिया मगर रोजाना बड़ी आवाजाही वाले रोलगांव पुल की किसी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि या राजनीतिक दल ने सुध नहीं ली। बीच में एक-दो बार मीडिया में समाचार प्रकाशित होने के बाद पुल का पुनर्निर्माण करने की योजना का प्राक्कलन तैयार मंजूरी दिलायी गई। मगर राशि मंजूर होने के बाद निर्माण कंपनी के हाथ में काम आने के बाद यह काम मंद गति से चलने लगा। जिस पुल का निर्माण डेढ़ साल के भीतर पूर्ण होकर आमजन के उपयोग हेतु खोल दिया जाना चाहिए था, वह आज तक आधा-अधूरा ही बन पाया है। निर्माण की गति देखते हुए इसके आगामी दस सालों में भी पूर्ण होने के आसार दिखाई नहीं दिए। लंबा फेरा लगा रहे सिराली क्षेत्र के लोग - माचक नदी में भीषण बाढ़ आने पर पानी के तेज बहाव में रोलगांव पुल के टूट जाने से सिराली वासियों का जिला मुख्यालय हरदा से सीधा संपर्क टूट गया। इस कारण यहां के लोगों को लगभग दस किलोमीटर का अधिक फेरा लगाकर आना जाना करना पड़ रहा है। इससे समय, ईंधन और अधिक आर्थिक व्यय तो हो ही रहा है साथ में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नतीजन सिराली तहसील के लगभग पचास से अधिक वनग्रामों के लोगों को हरदा आने-जाने में कई मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। इससे रोलगांव के आसपास के ऐसे बच्चे जो सिराली पढऩे आते थे उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई, वहीं गंभीर मरीजों, घायलों और गर्भवती महिलाओं को हरदा लेकर जाने में परेशानियां बढ़ गई। अधिक फेरा लगाकर आने वाली यात्री बसों का भी आमजन को अधिक किराया देने को मजबूर होना पड़ रहा है। भतीजे की धमकी रंग लाई - लगभग एक पखवाड़े पूर्व शाह घराने के कुं. अभिजीत शाहन ने अपने क्षेत्रवासियों की समस्या देखते हुए जब विराट धरना देने की चेतावनी दी तो टिमरनी-सिराली विधानसभा क्षेत्र के विधायक कुं संजय शाह की नींद खुली। आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व भतीजे की धमकी को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने एक सप्ताह पहले भाजपा जिलाध्यक्ष अमर सिंह मीणा, नगर पालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन के साथ एक प्रतिनिधिमंडल को ले जाकर कलेक्टर से भेंट कर इस ओर ध्यान आकर्षित कराया गया। कलेक्टर ने भी इसे संज्ञान में लेकर संबंधित निर्माण कंपनी को तत्काल कार्य करने और शीघ्र बायपास बनवाने का निर्देश दिए जिससे आनन-फानन में बायपास बनने का काम तेजी से शुरू हो गया। भाजपा नेता इसे जहां अपनी तत्परता बताने से नहीं चूक रहे हैं मगर जानकारों का कहना है कि यह सब भतीजे की धमकी का कमाज है। पीड़ा उभरकर सामने आई - भतीजे कुं. अभिजीत शाह द्वारा सिराली बेल्ट की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए रोलगांव पुल बनवाने हेतु धरने पर बैठने की अनुमति दी गई तो विधायक श्री शाह ने प्रशासन पर दबाव बनाकर यहां तुरत-फुरत काम शुरू कराया। विधायक श्री शाह ने विगत दिवस सिराली मंडी में हुए कार्यक्रम दौरान कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन की उपस्थिति में अपनी पीड़ा का इजहार किया। उन्होंने कहा कि सिराली क्षेत्र से मैं जरा भी दूर नहीं हूं कुछ लोग इस बारे में गलत प्रचार कर रहे हैं। इस क्षेत्र से मेरा नाता बचपन से ही रहा है। बहरहाल विधायक की इस पीड़ा को भतीजे की धमकी से जोडक़र देखा जा रहा है। इनका कहना है - हम अपनी ओर से कोई मांग नहीं उठाते हैं, जब हमारे पास लोग आकर बताते हैं तो हम इसे उठाने का काम करते हैं। हमारी मांग पर कृषि मंत्री ने किसानों के बंद खाते शुरू कराए हैं, इसमें कुछ शुरू हुए कुछ अभी रह गए हैं। यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो यह हमारा अगला मुद्दा होगा। कुं. अभिजीत शाह, मकड़ाई/ सिराली ।
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