चुनाव के रंग डूबा कॉलेज ,छात्र संघ चुनाव की सरगर्मी बढ़ रही

लौहपुरुष पेपर& यलगार टाइम्स, हरदा। प्रदेश सरकार द्वारा शासकीय महाविद्यालयों छात्रसंघ के चुनाव कराने की घोषणा कर युवाओं को रिझाने के लिए चले दाव में निजी कॉलेजों को शामिल नहीं किया गया था। मगर अब हाईकोर्ट ने अपने फैसले से इसके लिए रास्ता साफ कर दिया है। लगभग छह साल बाद होने वाले इन चुनावों को लेकर अब प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में धूम मची हुई है। ज्ञातव्य रहे कि 2011 में उज्जैन के माधव कॉलेज में छात्र परिषद के चुनाव दौरान प्रो. सब्बरवाल की हत्या होने के बाद शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रसंघों का सीधा चुनाव बंद कराना बंद कर दिया था। इसके लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रदेश में काबिज भाजपा की सरकार पर निरंतर दबाव बनाए जा रहे थे, वहीं भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन भी लंबे समय से यह मांग पुरजोर तरीके से उठा रहा था। सरकार ने आगामी विधानसभा और लोकसभा के निकट चुनावों को देखते हुए युवाओं को अपने पक्ष में खींचने का प्रयास किया है। वहीं राजनीतिक दल भी अपने समर्थित छात्र संगठनों के माध्यम से कॉलेजों में अपनी शक्ति को जांचने का मौका नहीं छोडऩा चाहेंगे। बहरहाल इन महाविद्यालयों में चुनाव की घड़ी आते ही कॉलेज परिसरों का वातावरण गर्मा गया है।
30 को होंगे चुनाव -
कॉलेज में चुनावी अधिसूचना जारी किए जाने के बाद महाविद्यालय परिसरों आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू कर दी गई है। कॉलेज प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव परिणामों की घोषणा होने तक आचार संहिता का कड़ाई से पालन किया जाएगा। यदि इसका उल्लंघन हुआ तो चुनाव प्रक्रिया स्थगित या निरस्त की जाएगी। प्रबंधन ने बताया कि छात्र संगठनों और निर्दलीय प्रत्याशियों द्वारा अपना फॉर्म जमा करने हेतु अंतिम तिथि 28 अक्टूबर मुकर्रर की गई है। फॉर्म जमा होने के बाद इनकी जांच कर प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जाएंगे। अंतिम समय तक अपना परचा वापस नहीं लिए जाने के बाद यदि मतदान की स्थिति बनती है तो 30 अक्टूबर को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव उपसचिव पद के साथ सीआर (कक्षा प्रतिनिधियों) के चुनाव मतदान के जरिए होंगे। जानकारी के मुताबिक चुनाव की अवधि दौरान कॉलेज परिसर में प्रत्याशियों के साथ-साथ उनके दलों, समर्थकों के प्रचार-प्रसार पर रोक रहेगी। ऐसा करते पाए जाने पर संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। चुनाव में केवल पात्र विद्याथियों को फॉर्म जमा करने का अधिकार होगा। वहीं केवल पात्र विद्यार्थी ही मतदाता के रूप में अपना वोट डाल सकेंगे। चुनाव के दौरान कॉलेज परिसर में बाहरी व्यक्तियों के आने पर पूरी तरह रोक लगी रहेगी। यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उस पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। 
       प्रत्याशियों की खोज -
स्थानीय शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में फॉर्म भरे जाने के पूर्व दोनों प्रमुख छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के पदाधिकारियों द्वारा प्रमुख पदों के अलावा सीआर पदों हेतु योग्य प्रत्याशियों को उतारे जाने की कवायद की जा रही है। खबर लिखे जाने तक अभी किसी भी प्रत्याशी के नाम खुलासा नहीं हो पाया है मगर ये संगठन चाहते हैं कि ऐसे लोकप्रिय और सर्वमान्य उम्मीदवार को चुनाव में खड़ा किया जो जीत हासिल करे। कोई भी दल इन चुनावों में ढिलाई देना नहीं चाहता। इसे देखते हुए लगता है कि आगामी चार-पांच दिनों तक इन चुनावों के मद्देनजर कॉलेज के अलावा नगर में भी युवाओं के बीच हलचलें तेज बनी रहेगी। माना जा रहा है कि कांग्रेस के नेता और भाजपा इसमें खास रुचि ले रहे हैं। वे नहीं चाहते कि यह चुनाव उनके हाथ से निकल जाए।
इनका कहना है----
छात्र संघ चुनाव प्रक्रिया में विसंगतियों और चुनाव में सरकार की बेईमानी की मंशा पूर्ण रूप से दिखाई दे रही है रोज रोज नियम बदल कर बह कही न कही nsui के बढ़ते कद से घबराई हुई है।
योगानंद राजपूत जिला अध्यक्ष n s u i
इनका कहना है----
हमारी तैयारी पूर्ण हो चुकी है किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं किया जा रहा छात्रों का रुझान पूर्णता हमारी ओर देखा जा रहा है जीत हमारी होगी। कपिल विश्वकर्मा जिला सह संयोजक ABVP

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