शहर की सुरक्षा के लिए लगे कैमरे बने शो-पीस चोरों और अपराधियों का पता लगाने में अक्षम सिद्ध हो रहे कैमरे

mukeshdubeyele@gmail.com

हरदा। सुरक्षा के लिहाज शहर को महफूज करने के लिए सालों पहले घण्टाघर चौक पर नगर पालिका द्वारा कैमरे लगाये गये है जो महज शो-पीस बने हुये है। चोरी की आये दिन हो रही घटनाओं के बाद भी चोरो को पकडने में कैमरे की भूमिका नगण्य सिद्ध हो रही है, जबकि कैमरे लगाने के पीछे उद्देश्य ये था कि आपराधिक एवं चोरी की घटनाओं पर काबू पाया जा सके। इसको ध्यान में रखते शासन का लाखों रूपये खर्च कर केमरा लगाया गया है। जिसकी कोई उपयोगिता नजर नही आ रही है। आये दिन चोरी की घटनाएं हो रही है। कैमरे लगने के बाद ढेर सारी आपराधिक घटनाएं भी हुई उसका भी पता आज तक नही चल पाया है। कैमरा बंद है कि चालू है यदि चालू है तो चोरो एवं अपराधियों का पता आज तक क्यों नही चला। आदि सवाल लोगो के दिलोदिमाग में उठ रहे है जो अनुत्तरित है। कंटोल रूम के अधिकारी भी इस मामले में माकूल जबाव नही दे रहे है। जो कैमरे चालू हैं उनमें फोटो इतनी धूधली व खराब है कि कुछ पता नही चलता कही कैमरा लगाने में धोखाधडी तो नही हुई गुणवत्ताविहीन कैमरे लगाकर खानापूर्ति तो नही की गयी मामला चाहे जो हो किन्तु कैमरा लगाने के बाद भी आपराधिक एवं चोरी की घटनाओं पर अंकुश नही लग रहा है। जो अत्यंत चिंताजनक है। घण्टाघर के साथ-साथ कृषि उपज मंडी,शासकीय कालेज व शासकीय अस्पताल के कैमरे भी खराब- सुरक्षा एवं कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिहाज से शासकीय भवनों एवं अस्पताल परिसर में सीटीवीटी कैमरे लगाये गये है जो या तो खराब पडे है या फिर शोपीस बनकर सिर्फ दीवाल की शोभा बढा रहे है। अधिकांश कैमरे तो सालों से खराब पडे है जिसे कोई देखने वाला नही है जो चालू है उसकी फोटो इतनी धुधली आती है कि कैमरा लगाने का कोई मतलब नही सिद्ध हो रहा है। सुरक्षा के लिहाज से कैमरा बेहद संवेदनशील है। इस मुद्दे पर जिले व विभाग के अफसरों की लापरवाही लोगो के गले नही उतर रही है। जिला अस्पताल आये दिन अनोखे कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहता है। कैमरा सही तरीके से चालू नही होने के कारण असलियत सामने नही आ पाती है। यह बात जिला कलेक्टर सहित अस्पताल के आलाकमान को मालूम है फिर भी इस मुद्दे को गंभीरता से नही लेने के पीछे कारण क्या है यह जांच का गंभीर विषय बन गया है। इसकों गंभीरता से नही लिया गया तो भविष्य में और भयावह स्थिति उत्पन्न होने की संभावना को नकारा नही जा सकता है। जिस तरह से शहर हालात तेजी से बिगड रहे है उसको देखते हुये भविष्य ऐसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना से कतई इंकार नही किया जा सकता है। कैमरा नही होने के कारण अस्पताल में होने वाली घटनाओं का भी पता नही चल पा रहा है। यदि कैमरा सही तरीके से चालू होता तो निश्चित रूप से डाक्टरों के सही समय पर आने एवं डाक्टरों द्वारा की जाने वाली मनमानी का भी पता चल सकता है। आये दिन अस्पताल में मरीजो के जीवन से खिलवाड की घटनाएं प्रकाश में आती है। अपशब्दों का भी उपयोग करने का भी मामला सामने आता रहता है। कैमरा नही चालू होने के कारण कुछ भी पता नही चल पाता है। जिम्मेदार अधिकारी अस्पताल के कैमरे को चालू करवाने में दिलचस्पी क्यों नही दिखा रहे है। यह जांच का विषय बन गया है। कही सुनियोजित षडयंत्र के तहत कैमरा तो खराब नही करवा दिया जाता। मामला चाहे जो हो किन्तु वेशकीमती कैमरा नही चालू होने के पीछे के कारणों की जांच पडताल करवायी जायेगी तो निश्चित रूप से व्यापक गोलमाल का मामला सामने आ जायेगा।  

Comments

Share

Popular posts from this blog

गुम मोबाइल खोजने में फिसड्डी साबित हो रहा साइबर सेल। साइबर सेल की कार्यशैली पर उठे सवाल।

हरदा में सुविधाओं के नहीं होने से अंगदान करने वाले परिवार मायूस। अगर हरदा में नेत्रदान सुविधा होती तो दो नेत्रहीनों को मिल जाती रोशनी।

त्योहारों के मद्देनजर पुलिस चाक-चौबंद