इंसपेक्शन( निरीक्षण) के नाम पर गैस कनेक्शनधारियों से हो रही जबरन वसूली
हरदा। गैस कनेक्शनधारियों से इंसपेक्शन के नाम पर जबरन वसूली करने का मामला प्रकाश में आया है। गैस कनेक्शन लेने के दौरान भारी भरकम राशि लेने के बाद भी सुरक्षा के नाम पर जबर्दस्ती वसूली की जा रही है। गैस कनेक्शनधारियों के लिए मेन्डेटरी इंसपेक्शन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत गैस सर्विस से जांच प्रतिनिधि आते है और गैस कनेक्शन को चेक करते है। सिलेण्डर गैस टंकी, प्रेशर रेगुलेटर, रबर ट्यूब, चूल्हा, सुरक्षा संबधी सुझाव देकर हर आपदा से निपटने का प्रयास किया जा रहा है। यह जांच कराना अनिवार्य है। इसके लिए १५० रूपये शुल्क भी निर्धारित किया गया है। यह शुल्क जांच प्रतिनिधि को देना होता है। दो साल में एक बर जांच कराना अनिवार्य है। जांच नही करवाने पर गैस कनेक्शन बंद करने की कार्यवाही हो सकती है। इससे बचने के लिए जांच न केवल जांच कराना जरूरी है अपितु सुरक्षा संबधी सुझाव पर अमल करना भी बेहद जरूरी है। पीवीसी पाईप, तारवाली पाईप, रबर, नली समयावधि से पुरानी अथवा खराब पायी गयी तो बदलना आवश्यक है नही तो इसके कारण जो भी हादसा होगा उसकी जिम्मेदारी कनेक्शनधारी की होगी। मैकेनिक द्वारा यह सुझाव भी दिया जा रहा है कि कम से कम पांच साल में एक बर अपनी रबर ट्यूब अवश्य बदले, कभी भी पीवीसी ट्यूब उपयोग में न लेवे,पीवीसी टयूब लगी होने पर सुरक्षा ट्यूब लगवाना अनिवार्य है। यह सुरक्षा के लिए आवश्यक है। ऐसा नही करने पर रिफिल रोकने की कार्यवाही की जा सकती है। संभावित दुर्घटनाओं से बचने के लिए सावधानियां बरतकर न केवल अपने जानमाल की सुरक्षा की जा सकती है अपितु आसपास के लोगो को भी हादसे से बचाया जा सकता है। गैस ऐजेसी वालों की जो नैतिक उत्तरदायित्व है उसके एवज में राशि ली जा रही है। तत्काल राशि का प्रबंध नही हो पाने पर गैस कनेक्शन बंद कर परेशान किया जाता है। उपभोक्ताओं के हित से खिलवाड किया जा रहा है। सुरक्षा देने के बहाने परेशान कर उपभोक्ताओं की मुसीबत को बढा दिया गया है। यही हाल रहा तो निश्चित रूप से इसके विरोध में उपभोक्ता एकजुट होकर न केवल विरोध करेगे अपितु फोरम में जाकर याचिका दायर करेगे।
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