कांग्रेस के दबाव में किसानों को राहत मिली-अभिजीत शाह
हरदा/केंद्र में काबिज भरतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा खेती-किसानी के काम आने वाले वाहन ट्रेक्टर को व्यावसायिक वाहनों की श्रेणी में लाने का कुचक्र चला गया था। मगर कांग्रेस के दबाव में भाजपा इसे नियमों में तब्दील नहीं कर पायी।श्री शाह ने कहा कि इस किसान विरोधी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने खोला था। विरोध के बाद केंद्र ने कहा वापस लिया जाएगा ट्रेक्टर को व्यवसायिक श्रेणी मे शामिल किया जाने वाला नियम(ड्राफ्ट) अगर यह नियम आ जाता तो किसानों को 1 जनवरी 2018 से टोल देना पड़ता। अगर किसान अपना ट्रेक्टर ले कर टोल पार करता तो उसे टैक्स देना पड़ता और किसानों को हर टोल पर पैसे देने पड़ते। इससे किसानों की हालत और खराब होती। याद रहे यह मामला कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इस मामले को बहुत जोरो से उठाया और विरोध करने के लिए 3 दिन तक संसद ट्रेक्टर से ही गए ।
यह विरोध कांग्रेस ने संसद मे भी किया और सड़कों पर भी आखिर भाजपा को किसान विरोधी फैसला वापस लेना पड़ा।
यह विरोध कांग्रेस ने संसद मे भी किया और सड़कों पर भी आखिर भाजपा को किसान विरोधी फैसला वापस लेना पड़ा।
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