झोलाछाप डॉक्टरों के प्रति सीएमएचओ मेहरबान क्यों ??? अभी तक नहीं हुई फर्जी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई
मुकेशदुबे
हरदा- जिले में मरीजों के जानी दुश्मन बने झोलाछाप फर्जी डॉक्टरों का बोलबाला है। शहर एवं ग्रामीण आंचल में जगह जगह क्लीनिक खोल कर जहां मरीजों की जान से खिलवाड़ कर मोटी रकम ऐंठी जा रही है वही शासनादेशों का उल्लंघन खुल्लम-खुल्ला किया जा रहा है। जिसको देखने व सुनने के बाद कार्यवाही करना तो दूर रहा सीएमएचओ उनकी सूची तक नहीं पेश कर रहे।
हर बार संचालक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा आदेश जारी किया जाता है जिसके परिपालन में मात्र औपचारिकता पूरी करने के अलावा कुछ नहीं किया जाता। यही वजह है कि देहातों के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में झोलाछाप फर्जी बंगाली डॉक्टर दो तीन दशक से अंगद के पांव की तरह जमे हैं फिर भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने की आड़ में कमाई कर मामले को दबा दिया जा रहा है।
मध्य प्रदेश शासन संचालक स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा दिनांक 12 दिसंबर 2017 को यह आदेश जारी किया गया था कि नियमित रूप से दल बनाकर ऐसे फर्जी डॉक्टरों की पहचान कार्यवाही की जाए। इसके लिए 15 नवंबर से 31 दिसंबर तक की समय सीमा तय की गई। इस अंतराल में अभियान चलाकर कार्रवाई करने एवं उसका प्रतिवेदन देने का निर्देश जारी किया गया ।आदेश जारी हुए 1 माह से अधिक का समय व्यतीत हो गया ।अभियान जारी रखने को मात्र 1 सप्ताह का समय शेष है फिर भी नाममात्र के भी फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाई है।
हरदा खिरकिया टिमरनी के आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों की तादात में ऐसे डॉक्टर है फिर भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से सीएमएचओ की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। हर वर्ष आदेश जारी होते हैं अभियान की औपचारिकता के लिए दल गठित भी कर लिया जाता है। अभियान की समाप्ति पर कार्यवाही रिपोर्ट सौंप भी दिया जाता है और किसी भी झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती। किसी के खिलाफ की भी गई हो तो ले देकर मामले को रफा दफा कर दिया जाता है। खिरकिया के आदिवासी बाहुल्य में दो दशक से भी अधिक समय से बंगाली डॉक्टर अंगद के पांव की तरह जमे हैं। इसी तरह टिमरनी के रहटगांव कायदा आदिवासियों क्षेत्रों में बंगाली डॉक्टर मध्य प्रदेश के निवासी बन गए हैं। आधार कार्ड मतदाता परिचय पत्र तक बनवा लिया है। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर मोटी रकम ऐंठी जा रही है। जिसकी गहन जांच पड़ताल हो तो जबरन वसूली का सनसनीखेज खुलासा हो जाएगा ।
5 जनवरी को पेश की जाएगी कार्यवाही रिपोर्ट-- हर वर्ष की तरह डेढ़ माह तक चले अभियान की कार्यवाही रिपोर्ट 5 जनवरी तक पुराने ढर्रे के आधार पर पेश कर दी जाएगी शक्ति पूर्ण कार्रवाई की आड़ में दल के चिकित्सक व सीएमएचओ द्वारा मोटी रकम ऐंठने की चर्चा आम हो गई है।इसमें कितनी सच्चाई है इसका पता जांच के बाद ही चलेगा। बहरहाल तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
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