शो पीस बना करोड़ों की लागत से बना ट्रामा सेंटर

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हरदा- जिला मुख्यालय में महानगरों की तर्ज पर चिकित्सा सुविधा देने के मकसद से वर्षों पहले करोड़ों की लागत से ट्रामा सेंटर भवन का निर्माण कराया गया। किंतु भवन बनकर बरसों से तैयार है फिर भी सेंटर चालू कराने की दिशा में कोई पुरजोर प्रयास नहीं किया जा रहा है। जहां एक ओर स्टाफ की पदस्थ स्थापना नहीं हो रही वहीं दूसरी ओर ट्रामा सेंटर के अनुरूप और संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। जो बेशकीमती उपकरण उपलब्ध हैं बे उपयोग के अभाव में धूल धूमित होकर जंग लग कर खराब हो रहे हैं। जिसे कोई देखने व सुनने वाला नहीं है। ट्रामा सेंटर यदि चालू नहीं कराया गया तो इसे करोड़ों रुपए खर्च कर क्यों बनवाया गया अब यह सवाल लोगों के दिलों दिमाग में उठ रहा जो अनुत्तरित बना हुआ है।
     *असमय दम तोड़ रहे मरीज*
 ट्रामा सेंटर नहीं चालू होने के कारण मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती है लिहाजा करीब पौने 200 किलोमीटर दूर भोपाल और इंदौर के अस्पताल जाते-जाते दम तोड़ देते हैं। औसतन रोजाना सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। ट्रामा सेंटर नहीं चालू होने के कारण मरीजों को इंदौर भोपाल के लिए रेफर कर दिया जाता है ऐसी स्थिति हर रोज निर्मित हो रही है फिर भी इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।
   *प्रदेश अध्यक्ष ने उठाया ट्रामा सेंटर का मुद्दा* अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष शांति कुमार जैसानी के ट्रामा सेंटर का मुद्दा प्रमुखता से उठाते हुए इसे शीघ्र शुरू करने की वकालत की है। ट्रामा सेंटर नहीं चालू होने का दुष्परिणाम गिनाते हुए कहा कि करोड़ों रुपए खर्च होने का फायदा जरूरतमंद मरीजों को नहीं मिल पा रहा जो अत्यंत चिंताजनक है।

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