जिला प्रशासन की प्रभावी पहल के विरुद्ध लामबंद हुए प्राइवेट स्कूलों के संचालक

 हरदा- प्राइवेट स्कूलों एसोसियन ने आगामी 23 जनवरी को जिले की सभी निजी शालाओं को बंद कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने का फैसला किया है। जिला प्रशासन एवं जिला परिवहन अधिकारी द्वारा जिन कंडम वाहनों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं, उनसे ना केवल सड़क दुर्घटना की आशंका बनी रहती है अपितु कार्बन अधिक फैकने से पर्यावरण प्रदूषण भी तेजी से हो रहा था। नौनिहालों को हादसे से बचाने एवं पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाया गया। जिसके विरुद्ध दबाव बनाने के लिए जिस तरह से आंदोलन किया गया। इससे निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए विरोध किया जा रहा है, जो अत्यंत चिंताजनक है।
   भारी भरकम परिवहन फीस लेने के बाद भी अच्छे वाहन से स्कूली बच्चों का परिवहन करने की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। ऐसा नहीं कर के कंडम वाहनों से बच्चों का परिवहन कराया जा रहा था। जिस को ध्यान में रखते हुए निजी शालाओं के वाहनों के खिलाफ कार्यवाही की गई बच्चों के हित को देखते हुए सहयोग देने की बजाय विरोध कर जबरन शासन के आदेश पर दबाव बनाया जा रहा है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के इस कदम की चौतरफा निंदा की जा रही है।
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ-- स्कूल एसोसियन द्रारा जो निर्णय लिया
जा रहा है वह नैतिकता एवं इंसानियत मानवता के खिलाफ है। भारी भरकम फीस लेकर वाहन सुविधा बेहतर उपलब्ध कराने की बजाय बच्चों का परिवहन कंडम वाहनों से किया जा रहा था। इस कार्यवाही को शुरू करने के 1 माह पहले आदेश जारी कर प्राइवेट स्कूल के संचालकों को अवगत करा दिया था। फिर भी उनके रवैये में सुधार आने की वजह उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ करते हुए शासन पर दबाव बनाने के लिए ,कार्यवाही से बचने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। नौनिहालों को दुर्घटना से बचाने की प्रभावी पहल का विरोध कर प्राइवेट स्कूल एसोसियन भले ही अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे किंतु ईश्वर उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। इंदौर में स्कूल बस हादसे को ध्यान में रखते हुए जो पहल शुरू की गई वह अत्यंत आवश्यक है।
क्या कहते है जवाबदार-
बच्चों की सुरक्षा का प्रश्न है व्यवस्था बदलना जरूरी है हम किसी को टार्चर नही कर रहे है।पहले भी हमने इन्हें समझाइस दी थी।यह शासकीय आदेश है जिसका परिपालन करना अत्यंत जरूरी है।
     राकेश अहाँके जिला परिवहन अधिकारी जिला हरदा

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