नर्सिंग होम के संचालन में नहीं बरती जा रही पारदर्शिता। पेयजल शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव

हरदा -नर्सिंग होम,सोनोग्राफी सेंटर एवं क्लीनिकों के संचालन में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही। मानवता एवं इंसानियत को दरकिनार करते हुए मूलभूत सुविधा पेयजल एवं शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं की जा रही। जिसके कारण दूर दराज से आने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी दिक्कत एवं परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुकुरमुत्ते की तरह हर गली मोहल्ले में खुले क्लीनिक में से अधिकांश में शौचालय पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। जबकि शासन द्वारा जारी गाइड लाइन के तहत पेयजल और शौचालय की समुचित व्यवस्था करना अनिवार्य है। बावजूद इसके मरीजों एवं उनके परिजनों की सुविधा को नजरअंदाज करते हुए शासन की व्यवस्था का उल्लंघन किया जा रहा है। पार्किंग की व्यवस्था, एंबुलेंस ,ऑपरेशन थिएटर एवं उपकरण शुल्क बाहर से आने वाले डॉक्टरों का पंजीयन डॉक्टर की डिग्री एवं डिप्लोमा आदि के प्रदर्शन में कोताही बरती जा रही है। उक्त मुद्दों को लेकर जिला कलेक्टर अनय द्विवेदी द्वारा जांच के आदेश भी दिए गए फिर भी अव्यवस्था जस की तस बनी हुई है। क्लीनिको नर्सिगहोम तक अग्नि वर्षा यंत्र तक पहुंचने की व्यवस्था नहीं है फिर भी बरसों पहले तत्कालीन सीएमएचओ द्वारा अनुमति दी गई। इतने पर भी जांच कार्यवाही में पारदर्शिता बरतते हुए ना तो सीएमएचओ के खिलाफ कार्रवाई हो रही है और ना ही नर्सिंग होमो के। क्लीनिकों के संचालकों के खिलाफ लिहाजा सारे नियम को बलाये ताक पर रखकर मरीजों का चिकित्सा सुविधा देने में के नाम पर आर्थिक शोषण किया जा रहा है। मानवीयता की सारी हदें पर मरीजों के परिजनों से जबरन शुल्क वसूली की जा रही है।

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