जल संकट से निपटने की बनी कार्य योजना। प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर होगी कड़ी कार्यवाही।
हरदा। जिले में उत्पन्न जल संकट के मद्देनजर कार्य योजना बना ली गई है। जिसे मूर्त रुप देने के लिए गत दिनों एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें सभी को जवाबदेही देकर जिला कलेक्टर अनय द्विवेदी ने उसका शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।अल्प वर्षा के कारण भू जलस्तर तेजी से नीचे खिसक रहा है। जिसको ध्यान में रखते हुए नदी, कुँए, तालाब, डैम आदि से ग्रीष्मकालीन फसलों की सिंचाई पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इसका उल्लंघन पाए जाने पर न केवल मोटरपंप जप्त किए जाएंगे अपितु विद्युत कनेक्शन भी काट दिया जाएगा। नवीन नलकूप खनन पर प्रतिबंध यथावत रहेगा। 500 मीटर की परिधि में सार्वजनिक निजी नलकूपों के द्वारा सिंचाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिले में स्थापित ऐसे उद्योग के संचालकों से ब्यौरा मंगाया गया है जो जल से जुड़े हुए हैं। इस संबंध में सीएमओ हरदा खिरकिया को सख्त निर्देश दिए गए हैं। जल संकट गंभीर होने की स्थिति में आर ओ प्लांट, बर्फ, कुल्फी उद्योग एवं मोटर कार वाशिंग, समस्त छोटे बड़े उद्योग, होटल ढाबा रेस्टोरेंट भवन निर्माण आदि के स्रोत सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिग्रहित किये जा सकते हैं इस का अल्टीमेटम दे दिया गया है। किसी गांव में जल परिवहन की व्यवस्था तब ही की जाएगी जब ग्राम में 500 लीटर की परिधि के भीतर एक भी जल स्त्रोत जीवित नहीं होगा। किसानों से मूंग व अन्य ग्रीष्मकालीन फसलों को ना बोने का आग्रह किया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता अपर कलेक्टर बाबूलाल कोचले ने की । इस अवसर पर कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग, जल संसाधन विभाग, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं जिले के मुख्य नगरपालिका अधिकारी मौजूद थे।
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