शिक्षा बना कमाई का कारोबार। इंग्लिश स्कूल संस्कारों को कर रही विलुप्त ।

सिर्फ हमारे विचार है।गलत भी हो सकते है
जिले का एकमात्र स्कूल जो सर्व सुविधा युक्त है।

  लच्छेदार दावे -- हमारे संस्थान में मेडिटेशन, खेलकूद के लिए मैदान, कंप्यूटर क्लासेस, लेव रूम, बास्केटबॉल मैदान, स्काउट एवं अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध है। हमारी संस्था द्वारा बच्चों को सीबीएससी पैटर्न से पढ़ाई कराई जाती है। जिससे उनका शैक्षणिक स्तर में सुधार आता है। हमारी स्कूल बैग लेस है। आपको अपने बच्चे को ट्यूशन भेजने की आवश्यकता नहीं है। हमारी संस्था द्वारा नियमित 2 घंटे एक्स्ट्रा क्लास लेकर बच्चों को यही पढ़ाई एवं होमवर्क कराया जाता है।
जल्द ही हम सभी को इंग्लिश स्कूलों द्रारा  पम्पलेट, बड़े-बड़े बोर्डों के माध्यम से सुहावने सपने दिखाए जाएंगे।

जब हम अपने बच्चे का एडमिशन करवाएंगे तो कुछ दिनों बाद हम हकीगत से रूबरू होते हैं। मेडिटेशन, खेल कूद मैदान, कंप्यूटर क्लास, लेब रूम, स्काउट सभी सुविधा मात्र एक छलावा थी। हकीकत में कुछ भी नहीं कराया जाता।
सबसे बड़ा विचारणीय प्रश्न यह है कि जब कान्वेंट स्कूल के सर मेडम  को ही इंग्लिश नहीं आती तो वह हमारे बच्चों को क्या इंग्लिश पढ़ाएंगे।
बैगलेस स्कूल होने के बावजूद भी 90 परसेंट ऐसे अभिभावक हैं जो अपने बच्चों को कोचिंग क्लास भेजते हैं।
हकीगत तो यह है अपने बच्चों के भविष्य बनाने की चाहत में हम सब जानते हुए भी बेबस हैं। शायद ही ऐसा कोई स्कूल होगा जो बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी सिखाता हो।
घर के बड़ों का आदर करना, आवभगत, मेहमानों को पानी, बड़ो को सुबह सुबह प्रणाम ,शिष्टाचार  इंग्लिश स्कूलों से विलुप्त हो रही है।

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