स्टाफ की कमी से जूझ रहा आबकारी विभाग। गांव-गांव बिक रही शराब से बन रहा अराजकता का माहौल।

हरदा- आबकारी विभाग बरसों से स्टाफ की कमी से जूझ रहा है फिर भी रिक्त पदों को भरकर शासन की मंशा के अनुरूप कार्यवाही को गति देने के लिए मुकम्मल पहल नहीं की जा रही। जबकि जिला आबकारी अधिकारी मुजाल्दे ने कमिश्नर को पत्र लिखकर वस्तु स्थिति से अवगत कराया। बावजूद इसके स्वीकृत पद के अनुरूप स्टाफ उपलब्ध कराने की पहल नहीं की जा रही है। जिससे कार्यवाही में तमाम दिक्कतें आ रही है। जिले में पिछले 2 वर्षों से हो रहे ठेके से 15 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। राजस्व आय बढ़ने के बाद भी स्टाफ की कमी की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्वीकृत दो एडीओ में से एक पदस्थ, दो हेड कांस्टेबल में एक की बरसों से पदस्थापना है। मांग और आवश्यकता के अनुसार स्वीकृत स्टाफ बढ़ाने की वजाए जो पहले से स्वीकृत है उस पद पर भी पदस्थापना नहीं की जा रही है। परिणाम स्वरुप गांव-गांव में बिक रही शराब की बिक्री रोकने में स्टाफ की कमी आड़े आ रही है। हरदा जिले में स्वीकृत दुकाने---- जिले में 11 देसी ठेके और 7 विदेशी शराब की दुकाने है। किंतु सैकड़ों दुकानें खुलेआम गांव गांव में खुल गई है। जिससे अपराध का ग्राफ भी बढ़ रहा है। फिर भी इसको गंभीरता से लेकर शराब की बिक्री रोकने की दिशा में आड़े आ रही समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। यही हाल रहा तो जिले में अराजकता का माहौल बनने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। अवैध तरीके से खुलेआम बिक रही शराब से स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।

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