जानलेवा साबित हो रही चारवा सिराली मार्ग। ठेकेदार की मनमानी पर मूकदर्शक बने अधिकारी

हरदा/दीपगांव कलॉ। जिले में चारूवा-सिराली मार्ग जानलेवा बन गया है। आए दिन वाहन वाले दुर्घटना का शिकार हो जाते है। यह बात अलग है कि ईश्वर की कृपा से बच जाते है, किंतु मार्ग की जो स्थिति है उसके मद्देनजर सड़क पर यात्रा करना जान जोखिम में डालने के समान ही है। इतने पर भी जिम्मेदार आला अफसरों के कानों में जू तक नहीं रेंग रही हैं। मार्ग की जर्जर हालत को ध्यान में रखते हुए सड़क की मरम्मत का जब ठेका हुआ तो लोगों में उम्मीदों की किरण जगी कि मार्ग की हालत चुस्त-दुरूस्त हो जाएगी। किंतु लोगों की उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब ठेकेदार मनमर्जी पर उतर आए, और लोगों की सुविधा परेशानी को ध्यान दिए बिना दोनों ओर से खुदाई करना चालू कर दिए। मार्ग की मरम्मत जिस तरह से की जा रही है उससे बेहतर सड़क तो पहले ही थी। पहले से अच्छा करने की मरम्मत का कोरम पूरा कर उसे और खराब किया जा रहा है मरम्मत का जितना कार्य हुआ है उसको देखकर कोई भी मरम्मत में कितनी पारदर्शिता बरती जा रही है इसका अनुमान सहज तरीके से लगाया जा सकता है। अधिकारियों की मिली भगत से सब कुछ हो रहा है। यही वजह है कि शिकायत एवं विरोध के बाद भी परिवर्तन नहीं हो रहा है जनप्रतिनिधि भी ठेकेदार की मनमर्जी पर खामोशी का रूख अख्यियार किए हुए है। देखने सुनने के बाद ऐसे अनजान बने है जैसे उन्हें खबर ही न हो। दुर्घटना का शिकार हो रहेे यात्री वाहन सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए है, फिर भी अधिकारी मूक दर्शक बने आंख पर पट्टी बांधे गंधारी की भूमिका निर्वहन करक रहे है। समय रहते चल रहे मरम्मत कार्य में हस्तक्षेप करके निर्माण कार्यों को गुणवत्ता युक्त कराने की दिशा में मुकम्मल पहल नहीं की गई तो सड़क दुर्घटनाओं की बड़ी घटनाएं होने की आशंका से नकारा नहीं जा सकता है। औसतन रोजाना छोटी बड़ी दुर्घटनाएं होने पर भी प्रशासन की आंख नहीं खुल रही है। ऐसा लगता है कि बड़े हादसे का इंतजार है। इसीलिए छोटी दुर्घटनाओं को नजरअंदाज कर ठेकेदार की मनमानी को नहीं रोका जा रहा है। यदि ऐसा नहीं होता तो अब तक अवश्य कोई न कोई कारगार कदम उठाकर ठेकेदार की मनमानी को रोक दिया जाता है

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