शहर में जानबर नाली एवं गंदा पानी पीने को मजबूर। नपा एवं समाजसेवको द्वारा नहीं उठाया जा रहा कदम
हरदा- नगर पालिका एवं समाज सेवको द्वारा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, प्रमुख चौक-चौराहों प्याऊ खोलकर इंसानों के लिए पेयजल की व्यवस्था तो कर दी गई। किंतु बेजुबान असहाय जानवरों एवं पक्षियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। जबकि बेजुबान जानवर इंसानों पर पूरी तरह से निर्भर हैं।
शहर में बेजुबान जानबरो एवं पक्षियों के लिए पेयजल की व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है।
जबकि भीषण गर्मी इस कदर पड़ रही है कि क्षण क्षण में प्यास लगती है। इतने पर भी जानबरो के लिए टंकी बनवाकर टेंकरो एवं पाइप लाइनों से पानी की व्यवस्था नहीं सुनिश्चित की जा रही। जिससे प्यास से जानबरो का हाल बेहाल है।मजबूरी वश अपनी प्यास नालियों के गंदे पानी से बुझाना पड़ रही है।
इतने पर समाज से जानवरों की संवेदनहीनता एक विचारणीय प्रश्न बन गया है इस ज्वलंत मुद्दे पर विचार मंथन कर प्रभावी रणनीति बनाकर उसे मूर्त रूप के लिए उल्लेखनीय पहल की आवश्यकता है।
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