अनमोल जल को बचाने के लिए चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान।
मुकेशदुबे
हरदा- जिले में अनमोल जल को बचाने के लिए जागरूकता अभियान मार्च माह से चलाया जा रहा है।जल ही जीवन है, जल है तो कल है, जल के बिना जीवन सुना , आदि बातें से जल की एक-एक बूंद को व्यर्थ ना बहाने एवं जल का सदुपयोग करने का सुझाव समाजसेवी राजेंद्र महेश्वरी एवं नगर भाजपा मंडल उपाध्यक्ष वार्ड क्रमांक 8 खेड़ीपुरा के पार्षद मनोज महलवार द्वारा दिया जा रहा है। भीषम गर्मी में दोनों समाजसेवी जल के महत्व को समझाकर उसे सहेजने संभालने संरक्षण प्रदान करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास करने की समझाइश दे रहे हैं। नदी-नाले, कुएं, तालाब के सूख जाने के बाद भूमिगत जलस्तर में तेजी से गिरावट आ रही है। जल संकट भयवत का रूप ले रहा है। भयावहता को ध्यान में रखते हुए समय रहते सचेत, सजग नहीं हुए तो इसका खतरनाक दुष्परिणाम सभी को भुगतना पड़ेगा। पानी को व्यर्थ ना जाने दे, नल की टोटी से पानी बूंद बूंद टपकने ना दें। ऐसी स्थिति हो तो बदल दे। पानी सड़क पर ना फेंके, फर्श को पानी से धोने की बजाए पोछा लगाएं, गाड़ियों को धोने में पानी कम खर्च करें, नल कनेक्शन से पानी व्यर्थ बह रहा हो तो उसकी सूचना नगर पालिका को दे। आदि मामले में सावधानी और जागरूकता दिखाकर पानी की बचत की जा सकती है।
पेड़ पौधे लगाने के लिए लोगों को प्रेरित करें। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का महत्व बताकर घर की छत का पानी बरसात में संग्रहित करें। बरसात के पानी को संग्रहित सर्वधन के लिए हर संभव प्रयास करें। इस तरह की पहल कर समय रहते पानी को नहीं बचाया गया तो हम सबको सिवाय पछताने के कुछ भी हाथ नहीं लगेगा। ऐसी पहल करना समय की जरूरत और आवश्यकता है। अन्यथा निकट भविष्य में जल संकट विकराल रुप ले लेगा ऐसी स्थिति में उस पर काबू पाना टेढ़ी खीर साबित होगा।
बेजुबान जानबरो की प्यास बुझाने रखी टंकियां---- बेजुबान पशु पक्षियों को भीषण गर्मी में पानी पिलाने के लिए मनोज महलवार,राजेन्द्र माहेश्वरी, एवं उनके अन्य साथियों द्वारा अनुकरणीय पहल की जा रही है। इसके तहत उनके द्वारा 10 टंकियों को अलग-अलग 10 स्थानों पर रखकर उन्हें नियमित पानी भरवाया जाता है। ताकि पशु-पक्षी आसानी से अपनी प्यास बुझा सके। बड़ा मंदिर ,सोमानी एंपोरियम, केला मंदिर, अन्नापुर मस्जिद के पास, सरकारी अस्पताल के पास, एलआईजी कॉलोनी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्यान के पास सीमेंट की टंकियों को रखबा कर रोजाना पानी भरवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।जिससे पशु-पक्षी पानी पी कर भीषण गर्मी में अपनी प्यास बुझा रहे हैं। शहर के अन्य समाजसेवकों ,समूहों द्रारा भी जगह् जगह टंकियां रखवायीं गई है जिससे बेजुबान पशुओ को नाली का गंदा पानी ना पीना पड़े।
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