बर्फ की दो फैक्ट्रियों का निरीक्षण। खाद्य एवं अखाद्य बर्फ का कलर अलग करने का निर्देश।

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हरदा- बर्फ बनाने में मची अंधेरगर्दी को रोकने की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास शुरू कर दिया गया है। गंदे पानी से बने वर्फ़ खाद्य के रुप में इस्तेमाल करने से पीलिया डायरिया टाइफाइड जैसी जानलेवा बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया था जिस को ध्यान में रखते हुए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा एक सख्त आदेश जारी किया गया है। जिसके तहत खाद्य बर्फ सफेद एवं अखाद्य बर्फ नीला होगा। इस आदेश के परिपालन में जिला मुख्यालय में स्थित दो प्रमुख बर्फ की फैक्ट्रियों का निरीक्षण कर शासन के निर्देशों का तत्काल शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित करने का निर्देश खाद्य एवं औषधि प्रशासन प्रशासन के अधिकार जे पी लववंशी ने अपनी टीम ने दिया है औद्योगिक क्षेत्र में स्थित उषा केमिकल बर्फ फैक्ट्री एवं खेड़ी पुरा में आरबीआई आइस फेक्ट्री का मंगलवार को निरीक्षण किया गया। 1 जून से पहले अखाद्य बर्फ का रंग नीला करने का निर्देश दिया साथ में वर्फ़ को खाद सुरक्षा के मानकों के अंतर्गत लेने का निर्णय के लिए। अखाद्य वर्फ़ का रंग नहीं बदलने की स्थिति में कड़ी कार्यवाही का अल्टीमेटम दिया। अखाद्य वर्फ़ के निर्माताओं को निर्माण समय फ़ूडकलर इंडिगो कैलामाइन 10 पी पी एम तक मिलाना होगा जिससे बर्फ का रंग नीला हो जाएगा इससे आम आदमी आसानी से पहचान सकेगा कि कौन सा खाद्य बर्फ है और कौन सा अखाद्य। बर्फ के गोले गन्ने का जूस फलों के जूस होटलों रेस्टोरेंटों में अखाद्य वर्फ़ का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है इससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा आदेश का पालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी लंबे समय से वर्फ़ के निर्माण में गंदे जल का इस्तेमाल किया जा रहा था अन्य जिलों के साथ-साथ हरदा जिले में भी ऐसी घोर अव्यवस्थाएं थी।
क्या कहते है जवाबदार नए अधिनियम के तहत मानक के अनुसार वर्फ़ का निर्माण करना अनिवार्य किया गया कलर युक्त बर्फ नहीं बनाने पर लाइसेंस निरस्त करने के अलावा कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी।हमने सभी आइस फेक्ट्रियो को शासन के दिशा निर्देशों से भली भांति अवगत करा कर उसका पालन फीसदी करने का निर्देश दे दिया है।
जे पी लववंशी खाद्य एवं औषधी प्रशासन जिला हरदा

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