पुलिस महकमा से सौतेला व्यवहार। महंगाई के इस दौर में कम वेतन भत्ते पर सेवा दे रही पुलिस।
मुकेश दुबे 9826036011
हरदा। प्रदेश की भाजपा सरकार पुलिस महकमा के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। 12 महीने 24 घंटे सेवा देने के उपरांत करीब दो दशक से वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी नहीं की गई है। जबकि इस अंतराल में महंगाई इस कदर बढ़ गई है कि घर परिवार का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है। बच्चों की पढ़ाई एवं शादी विवाह में पुलिसकर्मियों को पसीना आ जाता है। देशभक्ति जनसेवा में 24 घंटे मुस्तेज होकर अपने कर्तव्य व उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर अपने थाना क्षेत्र में शांति एवं अमन चैन का माहौल कायम करने में अपनी जान जोखिम में डालकर दी गई जिम्मेदारियों को निभाते हैं। इसके बाद भी वेतन एवं भत्ता दोनों कम है । 12 घंटे की सेवा की बजाय 8 से 10 घंटे सेवा करने की मांग पिछले कई वर्षों से की जा रही है जो लंबित है। *पुलिसकर्मियों के हक एवं हित के मुद्दे पर शिवराज सरकार गंभीरता से विचार नहीं कर रही है। सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैया का खामियाजा पुलिसकर्मियों के साथ-साथ उनके परिजनों को भी भुगतना पड़ रहा है। 24 घंटे की नौकरी के कारण पुलिस कर्मी अपने घर परिवार पत्नी बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पाते हैं।
*करीब दो दशक से पौष्टिक आहार भोजन भत्ता ₹650 प्रतिमाह्, स्थाई यात्रा भत्ता ₹150 ,विशेष भत्ता 40 वर्षों से ₹18 प्रतिमाह, वर्दी भत्ता ₹60 रुपये, मकान किराया ₹800 प्रतिमाह दिया जा रहा है । महंगाई के इस दौर में उक्त राशि कितना उचित है इसका अंदाजा सहज तरीके से लगाया जा सकता है आरक्षक का ग्रेड पे ₹1900 प्रधान आरक्षक 2100 सहायक उपनिरीक्षक का 2400 उपनिरीक्षक का 3600 रुपये है। दो दशक से ग्रेड पे में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। इतने कम वेतन में पुलिसकर्मी अपनी व परिजनों की आवश्यकताओं की पूर्ति कैसे करते होंगे इसका अंदाजा किसी को भी नहीं है, यदि होता तो निश्चित रूप से विचार करके हित में कोई न कोई उचित निर्णय अवश्य ले लेते। *वेतन भत्ते में बढ़ोतरी की मांग को लेकर पुलिस परिवार आंदोलन की राह पकड़ने पर मजबूर हो रहा है। समय रहते सरकार ने पुलिस कर्मियों की ज्वलंत मांगों पर गंभीरता से विचार कर उचित कदम नहीं उठाया तो विधानसभा चुनाव 2018 में इसका परिणाम सरकार को भुगतना पड़ेगा। पुलिस परिवार ने अपनी व्यथा कथा से मुख्यमंत्री समेत गृहमंत्री नई दिल्ली, गृह मंत्री मध्य प्रदेश शासन, भोपाल ,डॉ मोहन भागवत सर संघ संचालक को पत्र भेजकर अवगत करा दिया है।
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