भक्तों के लिए परेशानी का सबब बनी शराब की दुकान। भक्त और भगवान के बीच शराब की दुकान बनी रोड़ा। शाम को आरती में शामिल होना हुआ मुश्किल।

हरदा। मंदिर, स्कूल, माननीय न्यायालय के पास शराब की दुकान नहीं खोलने का प्रावधान है। फिर भी पिछले 1 वर्ष से प्राचीन गुप्तेश्वर मंदिर रोड के किनारे देशी शराब की दुकान संचालित है। भक्तों की आस्था को गहरा आघात लगाने के अलावा मंदिर आने जाने में महिलाओं एवं लड़कियों को असुविधा हो रही है। बावजूद इसके जिला प्रशासन खामोश मुक-दर्शन बना हुआ है। जब जिला मुख्यालय का यह हाल है तो देहात के क्षेत्रों की क्या हालत होगी इसका अंदाजा सहज तरीके से लगाया जा सकता है। जिला मुख्यालय में नार्मदीय धर्मशाला के पास जहां शादी विवाह व अन्य कार्यक्रम आए दिन होते रहते हैं और पास में स्थानीय बस्ती है। ऐसे परिसर में न केवल शराब की दुकान खोलकर वहां शांति एवं भय का माहौल बना दिया गया है अपितु हेडपंप एवं सड़क पर अतिक्रमण कर लिया गया है। स्थानीय लोगों को सार्वजनिक हेडपंप से पानी लेने में असुविधा हो रही है। नगर पालिका व जिला प्रशासन को दुकानदारों का अतिक्रमण दिखता है उनका अतिक्रमण हटा कर आशियाना और रोजी रोटी छीन ली जाती है किंतु एक बार भी हेडपंप और सड़क पर किए गए कब्जे को हटाने का कोई पहल नहीं की जा रही। शाम 5:00 बजे के बाद माहौल इतना खराब हो जाता कि कोई संभ्रांत नागरिक व महिला उस रास्ते से गुजर नहीं सकती है। आरती में शामिल होने के पहले महिलाएं, लड़कियां व अन्य भक्तगण काफी संख्या में जाते थे। किंतु जब से शराब की दुकान खुल गई तब से आरती में शामिल होने वाले भक्तों की संख्या में काफी कमी आई है। शराबियों की चहल कदमी शाम के बक्त ज्यादा बढ़ जाती है। शराब की खुली ढक्कन का पाव 60 की बजाय ₹40 में केवल इस दुकान पर मिलने के कारण भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि भक्तों को मंदिर जाने में असुविधा होती है। एक तरफ अतिक्रमण दूसरी तरफ शराबियों की भीड़ भक्तों के लिए पिछले 1 वर्ष से परेशानी का सबब बनी हुई है। फिर भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। सावन के मेले की तैयारी शुरू हो गई। सावन के प्रत्येक सोमवार को भक्तों का अपार जन समुदाय देर रात से टूट पड़ता है। रात दिन भक्तों की आवाजाही रहती है। इस को ध्यान में रखते हुए शराब की दुकान हटाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। दुर्भाग्य की बात यह है कि इस संबंध में मांग भी की जा रही है फिर भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। 1वर्ष पहले शराब की दुकान बस्ती से दूर संचालक थी उससे कोई असुविधा नहीं हो रही थी। किंतु ठेकेदार द्वारा बिक्री बढ़ाने के लिए ऐसे स्थल पर शराब की दुकान खोल दी गई जिससे भक्तों को भगवान का दर्शन करना और आरती में शामिल होना मुश्किल हो गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी।
(1)इस संबंध में हरदा थाने में ठेकेदार के साथ बैठक हो चुकी है 2 जवान तैनात रहेंगे । के एस मुजाल्दे जिला आबकारी अधिकारी हरदा
(2) दुकानें हटवाना हमारे हाथ में नहीं हैं। अगर ऐसा लगता है कि असामाजिक तत्वों का ज्यादा आना जाना रहता है और विवाद की स्थिति निर्मित होती है तो बीट बालों को बता कर जवान लगा देंगे।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेमलता कुरील जिला हरदा।
(3) सावन का मेला लगने वाला है जिससे श्रद्धालुओं की आस्था पर कुठाराघात होता है। शराब की दुकान हटना चाहिए। हरदा विधायक ड़ॉ रामकिशोर दोगने।
(4) ठेके की दुकान गलत जगह है। शहर का सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थल खेड़ापति मंदिर और गुप्तेश्वर मंदिर है।जो सैकड़ों महिला-पुरुष की आस्था का केंद्र है ठेका बहुत ही पास है। उसे हटाना चाहिए। नगर पालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन हरदा

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