पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना गोरा खाल झरना जिले का अनुपम प्राकतिक स्थल गुमनामी के साए में। शराबियों के लिए झरना बना मौज मस्ती का अड्डा।
मुकेश दुबे
हरदा। जिले के अजनाल नदी के उद्गम स्थल पर स्थित गोरा खाल का झड़ना पर्यटक को के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। 30 फीट ऊंचाई से पानी गिरने का पर्यटक आनंद लेते हुए अठखेलियां करते हैं। यह स्थल पचमढ़ी एवं जबलपुर के धुआंधार जलप्रपात का एहसास कराता है। प्रकृति के अनुपम सौंदर्य से भरपूर यह स्थल दर्शकों का मन मोह लेता है। जो प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होने की असीम संभावनाओं को समेटे यह स्थल आज भी गुमनामी के साए में है। जिले के ही अधिकांश लोगों को इस स्थल के बारे में जानकारी नहीं है।
* जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर एवं रोल गांव से 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित है यहां का सुंदर झरना पर्यटकों का मन मोह लेता है गोराखाल नाम से चर्चित स्थल जिले को पर्यटन स्थल के रूप में एवं अलग पहचान देने वाला जल प्रपात एवं झरने का एहसास कराने वाले यह स्थल का प्राकृतिक सौंदर्य मन को आकर्षित करने वाला है। रहटगांव तहसील के ग्राम गोरा खाल में स्थित यह स्थल जानकारी के अभाव में आज भी पर्यटकों की पहुंच से दूर बना हुआ है।
* वन विभाग एवं पर्यटन विभाग नहीं दे रहा ध्यान*
पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने की असीम संभावनाओं के बाद वन बिभाग एवं पर्यटन विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा । जबकि यह स्थल जिले को नई पहचान देने के साथ-साथ राजस्व आय का प्रमुख साधन बन सकता है। प्रचार प्रसार कर पर्यटन नक्शे में शामिल कर इसे सैलानियों के लिए खोला जा सकता है। इससे कई लोगों को रोजगार भी मिल सकता है। सौदर्यीकरण के लिए इसे इको पर्यटन में शामिल किया गया है। किंतु लंबे समय से इस दिशा में कोई उल्लेखनीय प्रयास शुरू नहीं किया गया। जिसकी वजह से यह अद्भुत प्राकृतिक स्थल अपनी पहचान नहीं दिखा पा रहा।
* अंग्रेजों ने रखा गोरा खाल*
बुजुर्ग आदिवासियों ने लौहपुरुष पेपर से एक चर्चा के दौरान उसके इतिहास के बारे में बताया कि यह स्थल अंग्रेजों को बहुत प्रिय था। जंगल में शिकार करने के लिए अंग्रेज यहाँ खूब आते थे और इस प्राकृतिक स्थल का खूब आनंद लेते थे। उस समय यहीं पर रुक कर प्रकृति का अनुपम नजारा देखते थे। गोरी चमड़ी वाले अंग्रेजों ने इस स्थल का नाम गोरा खाल रख दिया तब से यह नाम चर्चित एवं सुविख्यात हो गया है।
*दारू पीने का अड्डा बना गोरा खाल*
अनूप प्रकृति सौंदर्य वाला गोराखाल दारु पीने का अड्डा बन गया है। दारू पीकर झरने का आनंद लेते और कभी कभी आपस में लड़ पडते है।लड़ाई झगड़ा कहासुनी से अक्सर हाथापाई तक पहुंच जाती है। यही हाल रहा तो कोई बड़ी अप्रिय घटना घटने की संभावना से कतई इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस स्थल पर कभी आती नहीं जिसके कारण शराबी शराब पीकर तमाम उल्टी-सीधी हरकतें करते हैं। जिसके कारण संभात
नागरिक परिवार सहित यहां आने से कतराते है। वन विभाग एवं पुलिस महकमा दोनों इस स्थल को शराबियों से मुक्त कराने में अक्षम सिद्ध हो रहा है। जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
*जबाबदारो के जबाब।
अनुपम प्राकृतिक स्थल गोरा खाल में पुलिस, फॉरेस्ट गार्ड और होमगार्ड तीनों संयुक्त रुप से अवकाश के दिनों में तैनात रहेंगे और असामाजिक तत्व एवं शराबियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करेंगे।
राजेश कुमार सिंह पुलिस अधीक्षक हरदा।
* सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोर्ड लगा दिया गया है। शराबियों को रोकने के लिए अवकाश के दिनों में गार्ड तैनात करने की व्यवस्था की गई है। इस स्थल को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने की मंजूरी मिल गई है। शीघ्र ही रेलिंग लगाकर दुकानें खुलवा कर इसे विकसित किया जाएगा।
अनिल के सिंह सामान्य वन मंडलाधिकारी हरदा
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