भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है बहनें।

मदन गौर / रक्षाबंधन का त्यौहार जिले में धूमधाम से मनाया जाएगा। सुबह से शाम तक चहलपहल रहेगी। इस पवित्र भाई बहन रक्षाबंधन का त्योहार पर बहन सजधज कर अपने भाईयो की कलाईयों पर राखी बांधेगी। सर्वप्रथम भाई को तिलक लगाकर आरती उतारकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बांधा जाता है तत्पश्चात मिठाई खिलाई जाती है भाई अपनी बहन को मनपसंद गिफ्ट देता एवं जीवन भर उसकी रक्षा करने का संकल्प लेता है आज का दिन भाई बहन का विशेष दिन है सावन की पावन पर्व त्योहार के बीच सुंदर पुष्प खिला है भाई बहन के रिश्ते की यह पावन बेला घर में ऐसी खुशियां चहल पहल लाई जैसे कोई मेला है । 
*श्रावणी पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला रक्षाबंधन का दिन खास तौर पर भाई बहन के स्नेह भरे रिश्ते का प्रतीक है। मुख्य रूप से रक्षाबन्धन को हिन्दू आैर जैन त्योहार के तौर पर मान्यता प्राप्त है। ये प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। सावन में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी अर्थात रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व होता है। ये सूत्र कच्चे सूत से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, सोने आैर चाँदी जैसी मंहगी धातु तक से र्निमित हो सकते हैं। हांलाकि राखी सामान्यतः बहनें ही भाई को बांधती हैं। परन्तु कर्इ स्थानों पर बेटियों द्वारा पिता या परिवार के बड़े लोगों को, ब्राह्मणों, आैर गुरुओं को भी बांधने की परंपरा है। राखी बांधने के पीछे मूल भावना प्रेम आैर रक्षा का आश्वासन ही होता है। कन्याएं अपने भार्इ आैर पिता को राखी इसी भावना के तहत बांधती हैं। राखी से जुड़ी कथायें भी इसी का संदेश देती हैं। राखी कैसे शुरू हुर्इ इससे जुड़ी इसी तरह की कर्इ कथायें बतार्इ जाती हैं। 

Comments

Share

Popular posts from this blog

गुम मोबाइल खोजने में फिसड्डी साबित हो रहा साइबर सेल। साइबर सेल की कार्यशैली पर उठे सवाल।

हरदा में सुविधाओं के नहीं होने से अंगदान करने वाले परिवार मायूस। अगर हरदा में नेत्रदान सुविधा होती तो दो नेत्रहीनों को मिल जाती रोशनी।

त्योहारों के मद्देनजर पुलिस चाक-चौबंद