मरीजों के इलाज में की जा रही खानापूर्ति। पर्ची पर दवा की खुराक नहीं लिखने से मरीज त्रस्त।

हरदा। जिला चिकित्सालय में अंधेरगर्दी का आलम यह है कि जहां एक ओर चिकित्सक सही समय पर आते नहीं और यदि आ भी जाएं तो घर पर निजी प्रैक्टिस के चक्कर में ओपीडी में दिखाने वाले मरीजों को इतना आनन-फानन में देखते हैं। एक मरीज को मुश्किल से एक दो मिनट का समय दे पाते होंगे। वहीं दूसरी ओर दवा के लिए 2 प्रतियां दी जाती है। एक में दवा एवं खुराक लिख दी जाती है दूसरी खाली रहती है। दवा वितरण के दौरान डॉक्टर द्वारा लिखी दवा जल्दी में सुबह दोपहर शाम सुबह खाली पेट दिन में एक बार सोने से पहले लेने के बाद बोलकर खानापूर्ति कर ली जाती है और दूसरी पर्ची खाली दे दी जाती है। इसमें दवा का नाम खुराक के बारे में कोई संकेत चिन्ह नहीं बनाया जाता है। जिसके कारण दूर दराज से आने वाले अनपढ़ मरीज यह नहीं समझ पाते कि कौन सी दवा कब लेनी है ऐसी स्थिति लंबे समय से विद्यमान है।
*हाल ही में इलाज कराने आए एक मरीज ने छह प्रकार की गोली जो डॉक्टर द्वारा लिखी गई। दवाई का पर्चा देखकर दवाई वितरण कक्ष में मरीजों को दवाई दे दी । उन्हें कब कब लेना है यह जल्दी बाजी में बता दिया गया दवाई गोलियों पर खुराक का समय नहीं लिखा जाता एवं पर्चा भी जमा कर लिया जाता है गोलियां लेकर वह भूल गए कि कौन सी गोली कब लेना है। डॉक्टर कि दूसरी पर्ची देखी तो वह खाली थी उसने दवा का नाम खुराक के बारे में नहीं लिखा था। मरीज पढ़े-लिखे के पास गए तो वह भी जानकारी नहीं दे पाया। क्योंकि पर्ची में कुछ लिखा नहीं था। ऐसे में उल्टी दवा ले लेने से मरीज के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसी संभावना बनी हुई है। समय रहते चिकित्सकों के रवैया में बदलाव नहीं लाया गया तो मरीजों के साथ कभी भी दवा के रिएक्शन से कोई बड़ी घटना हो सकती है। चिकित्सक कार्बन लगाकर यदि दोनों पर्ची में दवा एवं खुराक के बारे में लिख दे तो ऐसी नौबत सामने ना आए । किंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि चिकित्सक जानकारी के बाद भी मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। दोनों पर्ची पर दवा का नाम नहीं लिखने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
क्या कहते जवाबदार--- दोनों पर्ची पर दवा का नाम व खुराक के बारे में लिखना चाहिए ऐसा निर्देश है। फिर भी डॉक्टर नहीं लिख रहे यह गलत है।
डॉ एस के सेगर सिविल सर्जन हरदा।

Comments

Share

Popular posts from this blog

गुम मोबाइल खोजने में फिसड्डी साबित हो रहा साइबर सेल। साइबर सेल की कार्यशैली पर उठे सवाल।

हरदा में सुविधाओं के नहीं होने से अंगदान करने वाले परिवार मायूस। अगर हरदा में नेत्रदान सुविधा होती तो दो नेत्रहीनों को मिल जाती रोशनी।

त्योहारों के मद्देनजर पुलिस चाक-चौबंद