दूसरी किस्त के लिए आवेदन करने वालो को अतिक्रमण का नोटिस आवास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की खुली पोल।

हरदा। प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। जिसके कारण  हितग्राहियों को तमाम दिक्कतों एवं परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आवास योजना की सूची में हितग्राही का नाम आया और समस्त दस्तावेज जमा करने के बाद मौके के मुआयना कर प्रथम किस्त जारी की गई। हितग्राही द्वारा राशि निकालकर छत हाईट तक मकान का निर्माण भी पूर्ण कर लिया गया, जब दूसरी किस्त के लिए फोटो खींचकर कार्यवाही करने लगा तो हितग्राही को अतिक्रमण का नोटिस थमाकर प्रथम किस्त की राशि जमा करने का भी नोटिस दिया गया।
*सूची में नाम आने प्रथम किस्त जारी करने तक जांच पड़ताल बिल्कुल नहीं की गई। ऐसा लगता है कि आवास योजना की फाईल को आंख मूंदकर निपटाया गया है। इसीलिए इस तरह के हास्याप्रद मामले सामने आ रहे है।
*सरदार बल्लभ भाई पटेल वार्ड क्रमांक 16 रहवासी नितिन कोगे पिता नानकराम कोगे झुग्गी बस्ती को 19 जून को नोटिस दी गई कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर मकान बनाया जा रहा है। सड़क पर अनाधिकृत रूप  से अतिक्रमण कर निवास किया जा रहा है।
कार्यालय को भ्रम में रखकर तथा शपथ पत्र देकर अतिक्रमित भू-भाग पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण किया जा रहा है। इसलिए प्रथम किस्त से हो रहे निर्माण को तत्काल रोककर पदत्त राशि नगर पालिका कोष में जमा कराए अन्यथा आप के विरूद्ध
नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
*सीएमओ का नोटिस मिलने के बाद 15 अक्टूबर को दिए शिकायत पत्र में नितिन कोगे पिता नानकराम कोगे ने बताया कि नहर के पास वह करीब ढाई दशक से अधिक समय से रह रहा हंू। हमारे पिताजी भी इसी जगह पर रह रहे थे। प्रधानमंत्री आवास में मेरा नाम आया। परीक्षण उपरांत प्रथम किस्त दी गई। जिससे छत हाईट तक निर्माण भी करा दिया गया। छत डालने की तैयारी कर रहा हूं । निर्माण कार्य की फोटो खींचकर दूसरी किस्त के लिए आवेदन भी कर दिया है। ऐसे समय मेंअतिक्रमण दर्शाकर प्रथम किस्त जमा करने का नोटिस दिया गया है, जबकि आसपास के कई लोग एक दो वर्ष से होकर आवास योजना का लाभ ले लिए है। उन्हे दूसरी किस्त भी दे दी गई है। इन्हे किसी प्रकार की कोई नोटिस नहीं दी गई। जबकि कुछेक तो नहर के किनारे ही बीम डालकर मकार बना रहे है, घर के सामने तो फिर भी जगह खाली है। लंबे समय से रहने के बावजूद मुझे अतिक्रमण का नोटिस थमाया गया है।
जितने मकान नहर के पास बने है, सबकी जांच पड़ताल की जाए तो अतिक्रमण की श्रेणी में और भी मकान आ रहे है,। इसका खुलासा हो जाएगा। ऐसा नहीं करने सिर्फ मेरे मकान को ही अतिक्रमण की श्रेणी में रखकर मेरे आशियाने को छीना जा रहा है और मुझे खुले आसमान तले रहने को मजबूर किया जा रहा है। यह नोटिस पहले मिल जाता तो प्रथम किस्त से छत हाईट तक मकान नहीं बनवाता अपनी कमाई की राशि भी मिलाकर जब मकान की दीवार खड़ी कर दी तो नोटिस देकर परेशान किया जा रहा है। मजदूरी करके बड़ी मुश्किल से परिवार चलाना हैं।ऐसी स्थिति में प्रथम किस्त की राशि एक लाख रुपए कहा से जमा करू और कहां रहे यह चिंता सता रही है।
मौके पर आकर हमारे मकान एवं आसपास के मकान की उचित जांच करके दूसरी किस्त डलवाने कीकार्यवाही करे ताकि छत डलवाने की कार्यवाही को समय सीमा में पूरा किया जा सके।
*क्या कहते है जवाबदार-
इस संबंध में नगर पालिका अधिकारी दिनेश मिश्रा से जानकारी लेना चाहा किंतु उनका मोबाइल  आउट ऑफ कवरेज बता रहा था।

Comments

Share

Popular posts from this blog

गुम मोबाइल खोजने में फिसड्डी साबित हो रहा साइबर सेल। साइबर सेल की कार्यशैली पर उठे सवाल।

हरदा में सुविधाओं के नहीं होने से अंगदान करने वाले परिवार मायूस। अगर हरदा में नेत्रदान सुविधा होती तो दो नेत्रहीनों को मिल जाती रोशनी।

त्योहारों के मद्देनजर पुलिस चाक-चौबंद