जेल में नशीले पदार्थों का खेल। निरीक्षण से पहले ही जेल से बाहर फेक दी गई प्रतिबंधित सामग्रियां। कलेक्टर, एसपी के आकस्मिक निरीक्षण की पहले से ही लग गई थी भनक ।
मुकेश दुबे
हरदा । स्थानीय जिला जेल हमेशा से ही विवादों में रहा है। इससे पूर्व भी जेल के हुए आकस्मिक निरीक्षण में कई संदिग्ध सामग्रियां बरामद हो चुकी है । इसके अलावा यहां की व्यवस्थाओं का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जेल के मुख्य द्वार पर भी गोली चालन जैसी घटना हो चुकी है । बावजूद इसके यहां के ढर्रे में कोई सुधार होता नहीं दिखाई दे रहा है । हाल ही में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी एस विश्वनाथन और एसपी राजेश कुमार सिंह द्वारा दल बल के साथ हरदा जिला जेल का आकस्मिक निरीक्षण किया गया । हालांकि अधिकारियों को जेल के भीतर कोई ऐसी संदिग्ध सामग्री नहीं मिली। परंतु जेल की क्यारियां सहित अन्य स्थानों पर डोडा चूरा के अलावा कई ऐसी सामग्रियां मिली है जो जेल के भीतर ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। जेल की दीवार से सटे स्थानों पर इन सामग्रियों के मिलने से आशंका यह जताई जा रही है कि संभवत यह सभी सामग्रियां जेल के भीतर से लाकर बाहर फेंकी गई। माना यह जा रहा है कि अधिकारियों के औचक निरीक्षण की सूचना पहले से ही जेल पहुंच चुकी थी । सूचना के बाद जेल के भीतर से सभी सामग्रियों को आनन-फानन में बाहर फेंक दिया गया जो जेल के बाहरी हिस्से में मिली।
*नाम ना छापने की शर्त पर बताया आदतन अपराधी ने ?
दो दफा जेल की हवा खा चुके एक अपराधी ने बताया कि बीड़ी सिगरेट तंबाकू तो अंदर तक जाना आम बात है। किंतु शराब एवं अच्छा होटल का खाना सिर्फ उन्हीं कैदियों को मिलता है जिनकी तगड़ी सेटिंग होती हैं। अपराधी कहां तक सच बोल रहा है यह एक जांच का विषय है? यदि आलाधिकारी महीने में एक दिन औचक निरीक्षण करें तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
लायंस क्लब बालों पर मेहरबानी-
ज्ञात हो कि कुछ माह पूर्व लायंस क्लब के सदस्यों द्रारा जेल के अंदर जाकर कैदियों को कंबल बांटे थे। उसके द्रारा सोशल मीडिया पर कंबल बाटते हुए फोटू भी डाली गई थी। नियमनुसार जेल के अंदर जाने की किसी को परमिशन नहीं रहती ।बिना परमिशन के जेल के अंदर जाकर कंबल बांटना बड़ा विचार प्रश्न है। आखिर क्यों उनकी सुरक्षा को नजरअंदाज करते हुए कंबल बाटने की अनुमति जेलर द्रारा दी गई। ऐसे में आदतन अपराधी किसी भी व्यक्ति के साथ कुछ हादसा कर देता तो इसका जिम्मेदार कौन होता? किंति बिना जांच इस मामले को रफा दफा कर दिया गया। *कहां क्या मिली सामग्री* अनुविभागीय अधिकारी जेपी सैयाम द्वारा महानिदेशक जेल को भेजी अपनी रिपोर्ट में बताया कि जेल चिकित्सालय ,सर्किट गेट एवं क्यारियो में बीड़ी के कटटे, माचिस, कैंची ,नेल कटर ,कील साइकिल की चैन एवं दो पाउच में 58 ग्राम डोडा चूरा जप्त कर जेल में सुरक्षित रखवाया गया।
*जेलर ने नही की बात* इस संबंध में जब हम जेलर से बात करना चाहिए तो पहले तो उनके मोबाइल पर पूरी घंटी जाती रही उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। उसके बाद जब कॉल लगाएं तो उनका मोबाइल आउट ऑफ़ कवरेज एरिया बताने लगा। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि वह इस संबंध में कुछ ना कहकर चुप रहना बेहतर समझते हैं।
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