देखरेख के अभाव में नष्ट हो रहे बेशकीमती डस्टबिन।स्वच्छता अभियान के क्रियान्वयन में बरती जा रही कोताही।
हरदा। नगर पालिका हरदा को स्वच्छता में नंबर वन रैंकिंग पर लाने के लिए प्रभावी कदम तो उठाया जा रहा है। किंतु उसकी देखरेख सहेजने संवारने की दिशा में कहीं ना कहीं कोताही बरती जा रही है। जिसके कारण स्वच्छता की स्थिति बेहद चिंताजनक है। जहां एक ओर लाखो रुपए खर्च कर जगह जगह लगाए डस्टबिन आवारा मवेशियों की भेंट चढ़ गए हैं। वहीं दूसरी ओर सूखा और गीला कचरा के परिवहन में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही। कचरा प्रबंधन की ठोस रणनीति में अभी तक प्रभावी अमल नहीं शुरू हो सका है।
भूखे मवेशी डस्टबिन में डाल रहे मुंह - डस्टबिन में मुंह डालकर उसे तोड़ते आवारा मवेशियों को बखूबी देखा जा सकता है। इतने पर भी डस्टबिन के बचाव एवं आवारा मवेशियों को सही ठिकाने पर पहुंचाने की व्यवस्था नहीं की जा रही। आवारा घूमने वाले मवेशियों में तो अधिकांश पालतू है जिन्हें सुबह छोड़ दिया जाता और शाम को पकड़कर बांध दिया जाता है। इससे आवागमन में व्यवधान के अलावा डस्टबिन को काफी क्षति पहुंच रही है। इसके बाद भी नगर पालिका प्रशासन गंभीर नहीं हो रहा है। वर्तमान समय की स्थिति यह है कि आधे से अधिक डस्टबिन या तो टूट गए हैं या फिर असामाजिक तत्वों द्वारा चोरी कर लिए गए हैं। कीमती डस्टबिन की सुरक्षा के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं बनी यदि बनी तो उस पर अमल करने में पारदर्शिता नहीं बढ़ती जा रही जिसका नतीजा सामने स्वच्छता अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन में कहीं ना कहीं कमी अवश्य है जिसके कारण लाख कोशिश के बाद भी रैंकिंग में पहले नंबर पर नगर पालिका के आने की स्थिति नहीं बन पा रही।
गलियों की नालियां कचरे से लबालब---- नदी नाले नालियों की बड़ी खराब स्थिति है नालियां कचरे से लबालब है नदी से जुड़ी बस्तियों के पास कचरे का ढेर है स्थानीय लोगों की शिकायत है। सभी क्षेत्रों में कचरा वाले बाहर नहीं घूम रहे इन नाते साफ सफाई के अभाव में शहर के अधिकांश हिस्सों में गंदगी का आलम है। यही हाल रहा तो स्वच्छता रैंकिंग नगरपालिका को पहले नंबर पर लाना दिव्य स्वप्न बन सकता है।
क्या कहते हैं जवाबदार-- आमजन की सुविधा के लिए जगह-जगह डस्टबिन लगाए गए। जो टूट चुके हैं उन्हें शीघ्र ही बदला दिया जायेगा।
दिनेश मिश्रा मुख्य नगर पालिका अधिकारी जिला हरदा
Comments