रेट लिस्ट हटा कर मनमाने रेट पर बेची जा रही इंग्लिश शराब। ठेकेदार की मनमानी पर डाला जा रहा पर्दा।
हरदा। जिला मुख्यालय में रेट लिस्ट हटा कर मनमाने रेट पर शराब बेची जा रही है। आबकारी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए उपभोक्ताओं के अधिकार का हनन किया जा रहा है। जिसका रेट ₹150 है उसका ₹170 लिया जा रहा है। यह अंधेरगर्दी जिला मुख्यालय में बरसों से विद्यमान है।
** विभाग के अफसर के अलावा अन्य जवाबदेह अधिकारियों के नाक के नीचे लूट खास और नियमों का दुरुपयोग करते हुए किया जा रहा है। रेट लिस्ट की बात करने पर कोई माकूल जवाब नहीं दिया जाता है। उल्टा सीधा जवाब देकर खाना पूर्ति की जाती है। दोबारा पूछताछ करने पर अपमानित करके दुकान से भगा दिया जाता है। मनमानी वसूली में दोहरा रवैया अपनाया जाता है किसी से कम तो किसी से ज्यादा वसूल किया जाता है।
** विरोध एवं शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने से ठेकेदार का मनोबल इस कदर बढ़ गया है कि कायदे कानूनों का उल्लंघन करने के अलावा खरीदारों से इंसानियत मानवता को दरकिनार करके मनमानी वसूली की जा रही है। **रसीद नहीं दी जाती है जिसके कारण उपभोक्ता फोरम में शिकायत नहीं हो पा रही है। जहां एक ओर कीमत अधिक वसूला जा रहा है वहीं दूसरी ओर शराब के बंद होने एवं खुलने का कोई समय निश्चित नहीं है। देर रात तक दुकान खुली रहती है। अव्यवस्थाओं का माहौल निर्मित है।
** देखने और सुनने के बाद भी जुर्माना लगाने की कार्यवाही करने में कोताही बरती जा रही है। अधिकारी के इस रवैया से उसकी भूमिका संदिग्ध हो गई। ऐसी चर्चा है ले देकर ठेकेदार की मनमानी पर पर्दा डाला जा रहा है।
** विभाग के अफसर के अलावा अन्य जवाबदेह अधिकारियों के नाक के नीचे लूट खास और नियमों का दुरुपयोग करते हुए किया जा रहा है। रेट लिस्ट की बात करने पर कोई माकूल जवाब नहीं दिया जाता है। उल्टा सीधा जवाब देकर खाना पूर्ति की जाती है। दोबारा पूछताछ करने पर अपमानित करके दुकान से भगा दिया जाता है। मनमानी वसूली में दोहरा रवैया अपनाया जाता है किसी से कम तो किसी से ज्यादा वसूल किया जाता है।
** विरोध एवं शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने से ठेकेदार का मनोबल इस कदर बढ़ गया है कि कायदे कानूनों का उल्लंघन करने के अलावा खरीदारों से इंसानियत मानवता को दरकिनार करके मनमानी वसूली की जा रही है। **रसीद नहीं दी जाती है जिसके कारण उपभोक्ता फोरम में शिकायत नहीं हो पा रही है। जहां एक ओर कीमत अधिक वसूला जा रहा है वहीं दूसरी ओर शराब के बंद होने एवं खुलने का कोई समय निश्चित नहीं है। देर रात तक दुकान खुली रहती है। अव्यवस्थाओं का माहौल निर्मित है।
** देखने और सुनने के बाद भी जुर्माना लगाने की कार्यवाही करने में कोताही बरती जा रही है। अधिकारी के इस रवैया से उसकी भूमिका संदिग्ध हो गई। ऐसी चर्चा है ले देकर ठेकेदार की मनमानी पर पर्दा डाला जा रहा है।
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